भवन के मुख्य द्वार में दहलीज़ होना क्यों जरूररी है? - Importance of Door Threshold in Home by Astrologer Ruchi Joshi
आजकल हम अपनी प्राचीन सभ्यता और संस्कृति को भूलते जा रहे हैं, आजकल जितने भी भवन बनवाए जाते है, उन भवनों या फ्लैट्स में एक पल्ले का दरवाजा लगाया जाता है व दहलीज़ भी नहीं बनाई जाती हैं। प्राचीन समय में दहलीज़ पूजन का विधान था जो आजकल समाप्त सा होता जा रहा है।
*वास्तुशास्त्र* अनुसार भवन में दहलीज़ के होने से हमारे भवन में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती है, तथा जिसके भवन में दहलीज़ पूजन होता है उन घरों में श्री का आगमन होता है। आप सभी ने मंदिरों में भी दहलीज़ देखी होगी, हमें दहलीज़ को लांघ कर मंदिर में प्रवेश करना होता है। अतः हमारे घरों में देहलीज का होना परम आवश्यक है।
Nowadays we are forgetting our ancient civilization and culture, in all the buildings that are built these days, one side door is installed in those buildings or flats and thresholds are not even made. In ancient times, there was a ritual of worshipping the threshold, which seems to be ending nowadays.
According to *Vastu Shastra*, due to the presence of threshold in the building, negative energy does not enter our building, and Shri arrives in those houses in whose building threshold is worshipped. All of you must have seen the threshold in the temples as well, we have to cross the threshold to enter the temple. That's why it is absolutely necessary to have threshold in our homes.