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वास्तु दिशाओं का महत्व - Importance of Vastu Directions

वास्तु दिशाओं का महत्व

वास्तु शास्त्र में दिशाओं का बहुत महत्व है क्योकि प्रकृति का संबंध दिशाओं के साथ है और जब हम प्रकृति के विरुद्ध चलते है तो हमें तरह तरह के कष्टों को सहना पड़ता है, अतः दिशाओ के संबंध में ज्ञान होना अति आवश्यक है क्योंकी समस्याओ को तो घर में रहने वालो को ही सहन करना पड़ता है| यदि आपको दिशाओं का सही ज्ञान होगा, तब आप बहुत आसानी से अपनी समस्याओं का समाधान कर सकता है|

 

वास्तु दिशाएं एवं दिशाओं का महत्व!

1: पूर्व दिशा- पूर्व दिशा का स्वामी इंद्र हैं। इस दिशा मे विष्णु, सूर्य तथा इंद्र का निवास स्थान माना गया हैं।
2: पश्चिम दिशा- पश्चिम दिशा का स्वामी वरुण हैं। यह विश्वकर्मा, सागर एवं नदियों के साथ वरुण का भी निवास स्थान माना गया हैं।
3: उत्तर दिशा - उत्तर दिशा का स्वामी कुबेर हैं। विशाख, स्कन्द,सोम तथा कुबेर इसी दिशा में निवास करते है।
4: दक्षिण दिशा- दक्षिण दिशा का स्वामी यम हैं। इस दिशा में गणेश, मातृकाएँ, भूत, प्रेत तथा यम निवास करते है।

5: आग्नेय कोण - आग्नेय कोण का स्वामी अग्नि देव, सनत्कुमार हैं।
6:नैऋत्य कोण - नैऋत्य कोण का स्वामी शक्ति निरुति हैं। इस दिशा में भद्रकाली, पितृगण निवास करते हैं।
7: वायव्य कोण- वायव्य कोण के स्वामी वायु हैं।
8: ईशान कोण- ईशान कोण के स्वमी भगवान शंकर हैं। इस दिशा में महेश, लक्ष्मी का निवास हैं।

 

 

Importance of Vastu Directions

Directions are very important in Vastu Shastra because nature is related with directions and when we go against nature, we have to endure all kinds of sufferings, so it is very important to have knowledge about the directions because the problems are at home. Only those living in it have to bear. If you have the right knowledge of directions, then you can solve your problems very easily.

 

Vastu directions and importance of directions!

1: East direction - Lord of the East direction is Indra. In this direction, Vishnu, Surya and Indra are considered to be the abode.

2: West direction- The lord of west direction is Varuna. Along with Vishwakarma, Sagar and rivers, Varun is also considered as the abode.

3: North direction - The lord of North direction is Kubera. Visakh, Skanda, Som and Kubera live in this direction.

4: South direction - Yama is the lord of the south direction. In this direction Ganesha, Mothers, Bhoot, Phantom and Yama reside.

5: Agneya Angle - The Lord of the fiery angle is Agni Dev, Santkumar.

6: Nairitya Angle - The lord of the Nairitya angle is Shakti Niruti. In this direction, Bhadrakali, Pitrugan resides.

7: Vaayvy Angle - The owner of the Vaayvy angle is air.

8: Ishan Angle - The lord of Ishan angle is god Shankar. In this direction, Mahesh is the residence of Lakshmi.

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