Shree Narmada Chalisa
॥ Doha॥ Devi Pujit ,Narmada, Mahima Badi Apaar। Chalisa Varnan Karat, Kavi Aru Bhakt Udaar॥ Inaki Seva Se Sadaa, Mitate Paap Mahaan। Tat Par Kar
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॥ दोहा॥ देवि पूजित, नर्मदा, महिमा बड़ी अपार। चालीसा वर्णन करत, कवि अरु भक्त उदार॥ इनकी सेवा से सदा, मिटते पाप महान। तट पर कर जप दान
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॥ दोहा॥ जय जय जय जग पावनी, जयति देवसरि गंग। जय शिव जटा निवासिनी, अनुपम तुंग तरंग॥
॥ चौपाई ॥ जय जय जननी हरण अघ खानी। आनंद
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॥ दोहा॥ मूर्ति स्वयंभू शारदा, मैहर आन विराज । माला, पुस्तक, धारिणी, वीणा कर में साज ॥
॥ चौपाई ॥ जय जय जय शारदा महारानी, आदि शक्ति
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॥ दोहा॥ जयकाली कलिमलहरण, महिमा अगम अपार महिष मर्दिनी कालिका, देहु अभय अपार ॥
॥ चौपाई ॥ अरि मद मान मिटावन हारी । मुण्डमाल गल सोहत प्यारी
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श्री हनुमान चालीसा | Shree Hanuman Chalisa
।। दोहा।। श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं
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श्री कृष्ण चालीसा | Shree Krishna Chalisa
॥ दोहा॥ वंशी शोभित कर मधुर, नील जलद तन श्याम। अरुण अधर जनु बिम्बफल, नयन कमल अभिराम॥ पूर्ण इन्द्र, अरविन्द
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श्री सूर्य चालीसा - Shree Surya Chalisa
॥दोहा॥
कनक बदन कुण्डल मकर, मुक्ता माला अङ्ग, पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के सङ्ग॥
॥चौपाई॥
जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु!
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