अक्षय तृतीया 2025 – Akshay Tritya 2025
अक्षय तृतीया हिन्दू पंचांग के अनुसार वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है। इसे पुण्य और शुभ फल प्रदान करने वाला दिन माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन किए गए शुभ कार्य, दान, जप, तप, पाठ, स्नान और पूजन का फल अक्षय होता है – अर्थात जो कभी नष्ट नहीं होता।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन वृंदावन स्थित श्री बांके बिहारी जी के श्री चरणों के दुर्लभ दर्शन होते हैं?
श्री चरणों के दर्शन का विशेष रहस्य
वृंदावन में स्थित श्री बिहारी जी मंदिर में पूरे वर्ष उनके श्री चरणों को पोशाक से ढँका रखा जाता है। लेकिन सिर्फ अक्षय तृतीया के दिन ही भक्तों को उनके श्री चरणों के दर्शन का अवसर मिलता है। धार्मिक मान्यता है कि श्री लक्ष्मी स्वयं श्रीहरि विष्णु के चरणों में निवास करती हैं। अतः जो भक्त इस दिन श्री बिहारी जी के चरणों के दर्शन करता है, उसे श्री लक्ष्मी का भी आशीर्वाद मिलता है।
इस दिन की विशेष पूजन विधि और परंपराएं
- भक्त श्री बिहारी जी को चांदी की पैजनियां (पायजेब) अर्पित करते हैं।
- चंदन के लड्डुओं का भोग श्री चरणों में लगाया जाता है।
- बिहारी जी पीतांबर (पीले वस्त्र) धारण करते हैं, जो श्री विष्णु और श्रीकृष्ण का प्रिय रंग है।
- यदि आप वृंदावन जाकर दर्शन नहीं कर सकते, तो घर पर ही श्री बिहारी जी के विग्रह या चित्र का ध्यान करके, श्रद्धा से यह पूजन करें।
लक्ष्मी कृपा के लिए करें यह पाठ
इस दिन जो भी भक्त सच्ची श्रद्धा और भक्ति के साथ निम्न पाठ करता है, उस पर श्री बिहारी जी और माता लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहती है:
- श्री सूक्त
- कनकधारा स्तोत्र
- गोपाल सहस्त्रनाम
- श्री राधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र
इस दिन के लाभ
- धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति
- जीवन में स्थिरता और सुख
- मानसिक और आत्मिक शांति
- परम मोक्ष की प्राप्ति
इस अक्षय तृतीया, आइए हम सब श्री बिहारी जी के श्री चरणों में सिर झुकाएं और माँ लक्ष्मी की कृपा पाने हेतु श्रद्धा से पूजन करें। यही सच्चा पुण्य और अक्षय फल देने वाला कार्य है।
उपयोगी जानकारी।