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इस दिन पितरों का श्राद्ध करने से उनकी आत्मा को मुक्ति मिलेगी

इस दिन पितरों का श्राद्ध करने से उनकी आत्मा को मुक्ति मिलेगी

साल का पहला सूर्य ग्रहण 21 जून रविवार के दिन लगने जा रहा है। यह वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक भी मान्य होगा। इस बार 21 जून को आषाढ़ अमावस्या वाले दिन सूर्य ग्रहण भी है। इसलिए ग्रहण खत्म होने के बाद शिवलिंग पर जलाभिषेक कर बिल्वपत्र अर्पित करें। हनुमान चालीसा का पाठ करें। इस दिन किसान, खेती में काम आने वाले अपने यंत्रों जैसे हल इत्यादि का पूजन भी करते हैं। इसलिए इसे हल हारिणी अमावस्या भी कहते हैं। मान्यताओं के अनुसार अमावस्या तिथि के दिन पितरों का श्राद्ध करने से उनकी आत्मा को मुक्ति प्राप्त होती है। ग्रहण के दौरान महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें तथा सूर्य ग्रहण के दौरान गायत्री मंत्र, ईश्वर के बीज मंत्र का जाप भजन कीर्तन करना लाभप्रद होता है। सूर्य ग्रहण के दौरान पेड़ पौधों को ना तोड़े।तुलसीदल सूतक लगने से पहले खाने योग्य सभी वस्तुओं पर डाल दें। सूर्य ग्रहण में सूर्य को नग्न आंखों से ना देखें। 
सूर्य ग्रहण का सूतक काल 20 जून को रात 10:00 बजे से लग जाएगा। 
सूर्य ग्रहण प 21 जून को प्रातः 10:00 से दोपहर 1:43 तक रहेगा।

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