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बैसाखी पर्व का महत्व - Happy Baisakhi 2020

इस वर्ष 13 अप्रैल 2020 (सोमवार) को बैसाखी पर्व को पूरे भारत में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, पंजाब एवं हरियाणा प्रदेश में यह पर्व बड़े ही हर्षो उल्लास से मनाया जाता है। इस पर्व पर किसान हो या आम जन अपनी नविन फसल (अनाज) की पूजा कर प्रकृति को धन्यवाद देते है, कारणवश इसे किसानो का त्यौहार भी कहना गलत नहीं होगा। वैसे इस त्योहार के मनाए जाने के कारण को लेकर कई अलग-अलग मान्यताएं है, इस दिन सूर्य मेष राशि में प्रवेश करते है। 
यह भी त्यौहार मनाए जाने का एक और कारण, ऐसी मान्यता है कि सन 1699 में इसी दिन सिखों के अंतिम गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी ने सिखों को खालसा के रूप में संगठित किया था। सुबह के समय से ही स्नान आदि के बाद सिख समुदाय गुरुद्वारे में अरदास हेतु जाते हैं। इस दिन गुरुद्वारे में गुरु ग्रंथ का पाठ किया जाता है, इसी दिन से पंजाबी नववर्ष की शुरुआत होती है। 
बैसाखी पर्व मनाने के पीछे कई मान्यताएं प्रचलित है, बैसाखी के दिन गंगा स्नान करने का बहुत महत्व माना जाता है, क्योंकि इसी दिन मां गंगा धरती पर उतरी थी। बैसाखी के समय आकाश में विशाखा नक्षत्र होता है, विशाखा नक्षत्र पूर्णिमा में होने के कारण  इस पर्व को बैसाखी कहा जाता है।

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