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पौष पूर्णिमा / शाकम्भरी पूर्णिमा का महत्व एवं शाकम्भरी जयंती - 28 जनवरी 2021 - Shakambhari Jyanti and Paush Purnima/ Shakambhari Purnima importance - 28 January 2021

28 जनवरी 2021 गुरुवार को पौष शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि हैं। तीर्थो के राजा प्रयागराज में माघ मेले का भी शुभारंभ हो रहा है। इस दिन किया गया स्नान, दान और व्रत अक्षय पुण्य देता हैं। पौष पूर्णिमा के साथ माघ महीने का आरम्भ होता हैं। मोक्ष की इच्छा रखने वालों के लिये तो ये दिन बहुत मंगलमय होता हैं। पुराणों के अनुसार जो व्यक्ति आज के दिन सूर्योदय से पहले स्नान कर लेता हैं, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती हैं। मार्कण्डेय पुराण के अनुसार- इसी दिन देवी दुर्गा ने मानव कल्याण के लिए शाकम्भरी रूप लिया था।  दुर्गा सप्तशती के मूर्ति रहस्य में देवी शाकम्भरी के स्वरूप का वर्णन इस प्रकार हैं-

 

शाकम्भरी  निलवर्ण नीलोतपल विलोचना।

मुश्टिशिलीमुखापूर्णकमलक्मलालया।।

 

व्रत विधि

इस दिन स्नानादि से निवृत्त होकर शुद्ध वस्त्र पहन कर भगवान गणेश, माँ लक्ष्मी और श्री हरि का विधि विधान से पूजन करना चाहिए। सुंगधित धूप, दीप, इत्र प्रेमभाव से अर्पित करे। माँ लक्ष्मी को कमल अतिप्रिय हैं, तो कमल की माला अर्पित करे। महालक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं। सत्यनारायण कथा करे। जिसके फलस्वरूप हमारे घर मे सुख-समृद्धि का आगमन होगा। कहते हैं- पूर्णिमा की रात्रि को देवी महालक्ष्मी धरती पर पधारती हैं। तथा वह अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं, अतः श्री को प्रसन्न करने के उपाय करने चाहिए।

 

श्री को प्रसन्न करने के उपाय।

घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाये, खीर का भोग लगाएं, सफेद दान करे, देवी श्री के भाई चंद्रमा को अर्घ्य दे ,तथा ॐ सोमाय नमः का जाप करे। तथा श्री हरि विष्णु के मंत्रों का जाप करे।

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