धनतेरस
कार्तिक मास की कृष्ण त्रयोदशी को धनतेरस मनाया जाता है,धार्मिक मान्यतानुसार समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन भगवान धन्वंतरि अपने हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। भगवान धनवंतरी के प्रकट होने के उपलक्ष में ही धनतेरस का त्यौहार मनाया जाता है ।दीपावली और धनतेरस में स्थिर लग्न में ही विष्णु प्रिया श्री महा लक्ष्मी व श्री गणेश की पूजा करनी चाहिए। वृषभ लग्न को स्थिर लग्न माना जाता है।
इसी दिन परिवार के किसी भी सदस्य की असामयिक मृत्यु से बचने के लिए मृत्यु के देवता यमराज के लिए घर के बाहर सरसों के तेल का दीपक जलाया जाता है, जिसे यम दीपम के नाम से जाना जाता है।
2 नवंबर 2021
कृष्ण पक्ष,
तिथि -द्वादशी / धनतेरस /प्रदोष व्रत मंगलवार
द्वादशी तिथि 11:31 a.m. तक रहेगी।
उसके पश्चात त्रयोदशी तिथि आरंभ हो जाएगी,अतः धनतेरस 2 नवंबर 2021 को मनाया जाएगा ।
सूर्य उदय- 6:34 a.m.
सूर्यास्त- 5:35 p.m.
शक संवत -1943
विक्रम संवत- 2078 आनंद
अभिजीत मुहूर्त -11:42a.m.-12:26p.m.
राहुकाल -2:50 p.m. -4:12 p.m. धनतेरस पूजा मुहूर्त -
6:17 p.m.-8:11 p.m.
यम दीपम- 2 नवंबर 2021
प्रदोष काल -5:35 p.m.-8:11 p.m.
वृषभ काल -6:17 p.m. - 8:12 p.m.
त्रयोदशी तिथि 2 नवंबर को 11:31 a.m. से 3 नवंबर 9:02 a.m. तक रहेगी।