गुप्त नवरात्रि
आमतौर पर लोग साल में दो नवरात्रि को जानते हैं, जिनमें एक है शारदीय नवरात्रि व दूसरी है चैत्र नवरात्रि। लेकिन हम आपको बता दें, इन दो नवरात्रि के अलावा साल में दो और नवरात्रि भी आती हैं, जिन्हें गुप्त नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। पहली गुप्त नवरात्रि माघ मास के शुक्ल पक्ष में आती है व दूसरी आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष में आती हैं। माघ गुप्त नवरात्रि 25 जनवरी से 3 फरवरी तक रहेगी।
माघ नवरात्रि का महत्व
गुप्त नवरात्रि के दौरान सब 10 महाविद्याओं की साधना की जाती है, गुप्त नवरात्रि के दौरान माँ काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी माता, छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, माँ धूमावती, माँ बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा की जाती है। यह नवरात्रि तांत्रिक क्रियाओं, शक्ति साधना से जुड़े लोगों के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण होती है।
माघ मास की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इस नवरात्रि में गुप्त रूप से शिव शक्ति की उपासना की जाती है।
ग्रहस्तो के लिए विशेष
गृहस्थ साधक जो सांसारिक वस्तुएं भोग विलास के साधन सुख समृद्धि और निरोगी जीवन जीना जीवन पाना चाहते हैं उन्हें इन 9 दिनों में दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए।